अच्छे पर्यावरण और लोगों को बेहतर ट्रांसपोर्ट सुविधा उपलब्ध करवाने के
लिए स्मार्ट सिटी लिमिटेड के तहत 90 सिटी बसें चलाई जाएंगी। इसको लेकर
स्मार्ट सिटी लिमिटेड ने फरीदाबाद सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विस लिमिटेड
(एफसीटीएसएल) का प्रपोजल तैयार कर हरियाणा सरकार के पास अप्रूवल के लिए भेज
दिया है। इन 90 बसों में से 40 मेट्रो फीडर होंगी और 50 बसों को शहर के
अंदरूनी हिस्सों में चलाया जाएगा। इन सभी बसों के लिए शहर में 7 जगहों पर
टर्मिनल व डिपो भी तैयार किए जाएंगे।
एफसीटीएसएल की तरफ से तैयार डीपीआर पर नजर डाली जाए तो शहर के अंदर 90 मिडी बसें चलाई जाएंगी। ये सभी सीएनजी से चलेंगी और एसी लो फ्लोर होंगी। पीपीपी के तहत सभी बसों को चलाया जाएगा। इसके लिए एसपीवी (स्पेशल पर्पज विकल) बनाया गया है, जिसमें सभी विभाग के आला अधिकारियों को जोड़ा गया है। फरीदाबाद सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विस लिमिटेड का मुख्य उद्देश्य लोगों को बेहतर ट्रांसपोर्ट सुविधा देना और शहर को प्रदूषण से छुटकारा दिलाना है।
कैसे चलेंगी ये 90 बसें : स्मार्ट सिटी से जुड़े एक अधिकारी के अनुसार इस प्रपोजल में 40 बसों को मेट्रो फीडर बसों के रूप में चलाया जाएगा, जो पूरी तरह से वातानुकूलित होंगी। ये बसें बल्लभगढ़, ग्रेटर फरीदाबाद, सराय, बड़खल, एनआईटी से मेट्रो स्टेशनों तक चलाई जाएंगी। दूसरी तरफ 50 बसें शहर के अंदरूनी हिस्से में चलाई जाएंगी। जो फरीदाबाद के एनआईटी, बल्लभगढ़, ओल्ड फरीदाबाद व ग्रेटर फरीदाबाद को आपस में जोड़ेंगी। पहले चरण में 2019 तक इन्हें चालू कर दिया जाएगा। पहले चरण में 2 डिपो, 2 टर्मिनल और 310 बस क्यू शेल्टर तैयार किए जाएंगे।
शुरू में मांगे 100 करोड़ रुपये : डीसी अतुल कुमार ने बताया कि फरीदाबाद सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विस लिमिटेड (एफसीटीएसएल) को चलाने के लिए सरकार से 100 करोड़ रुपये मांगे हैं। जिसमें 38 करोड़ रुपये की लागत से 90 बसों को खरीदा जाएगा और 60 करोड़ रुपये की लागत से पहले चरण में दो डिपो, दो टर्मिनल तैयार किए जाएंगे। इन बसों का किराया भी ऑटो के बराबर ही होगा। सेकंड फेज में 207 बसों को सड़कों पर उतारा जाएगा, ये काम 2020 तक होगा।
यहां बनाए जाएंगे बस टर्मिनल और डिपो -
जगह टर्मिनल व डिपो एरिया (एकड़ में)
सेक्टर 30 टर्मिनल 2
सेक्टर 12 टर्मिनल और डिपो 5
सेक्टर 86 डिपो 4.3
सेक्टर 74 डिपो और सेंट्रल वर्कशॉप 15
सेक्टर 61 डिपो 5
बल्लभगढ़ टर्मिनल -
दशहरा ग्राउंड एनआईटी टर्मिनल 4
नवभारत टाइम्स | Updated:
एफसीटीएसएल की तरफ से तैयार डीपीआर पर नजर डाली जाए तो शहर के अंदर 90 मिडी बसें चलाई जाएंगी। ये सभी सीएनजी से चलेंगी और एसी लो फ्लोर होंगी। पीपीपी के तहत सभी बसों को चलाया जाएगा। इसके लिए एसपीवी (स्पेशल पर्पज विकल) बनाया गया है, जिसमें सभी विभाग के आला अधिकारियों को जोड़ा गया है। फरीदाबाद सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विस लिमिटेड का मुख्य उद्देश्य लोगों को बेहतर ट्रांसपोर्ट सुविधा देना और शहर को प्रदूषण से छुटकारा दिलाना है।
कैसे चलेंगी ये 90 बसें : स्मार्ट सिटी से जुड़े एक अधिकारी के अनुसार इस प्रपोजल में 40 बसों को मेट्रो फीडर बसों के रूप में चलाया जाएगा, जो पूरी तरह से वातानुकूलित होंगी। ये बसें बल्लभगढ़, ग्रेटर फरीदाबाद, सराय, बड़खल, एनआईटी से मेट्रो स्टेशनों तक चलाई जाएंगी। दूसरी तरफ 50 बसें शहर के अंदरूनी हिस्से में चलाई जाएंगी। जो फरीदाबाद के एनआईटी, बल्लभगढ़, ओल्ड फरीदाबाद व ग्रेटर फरीदाबाद को आपस में जोड़ेंगी। पहले चरण में 2019 तक इन्हें चालू कर दिया जाएगा। पहले चरण में 2 डिपो, 2 टर्मिनल और 310 बस क्यू शेल्टर तैयार किए जाएंगे।
शुरू में मांगे 100 करोड़ रुपये : डीसी अतुल कुमार ने बताया कि फरीदाबाद सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विस लिमिटेड (एफसीटीएसएल) को चलाने के लिए सरकार से 100 करोड़ रुपये मांगे हैं। जिसमें 38 करोड़ रुपये की लागत से 90 बसों को खरीदा जाएगा और 60 करोड़ रुपये की लागत से पहले चरण में दो डिपो, दो टर्मिनल तैयार किए जाएंगे। इन बसों का किराया भी ऑटो के बराबर ही होगा। सेकंड फेज में 207 बसों को सड़कों पर उतारा जाएगा, ये काम 2020 तक होगा।
यहां बनाए जाएंगे बस टर्मिनल और डिपो -
जगह टर्मिनल व डिपो एरिया (एकड़ में)
सेक्टर 30 टर्मिनल 2
सेक्टर 12 टर्मिनल और डिपो 5
सेक्टर 86 डिपो 4.3
सेक्टर 74 डिपो और सेंट्रल वर्कशॉप 15
सेक्टर 61 डिपो 5
बल्लभगढ़ टर्मिनल -
दशहरा ग्राउंड एनआईटी टर्मिनल 4
नवभारत टाइम्स | Updated:
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