आने वाले दिनों में स्मार्ट सिटी की तस्वीर कुछ खास दिखाई देगी। ग्रेटर फरीदाबाद और पुराने शहर के बीच से निकले बाईपास रोड को हाईवे का दर्जा मिल जाएगा। जहां औद्योगिक नगरी फरीदाबाद से गुजरने वाले वाहन चालकों को राष्ट्रीय राजमार्ग की तरह फर्राटेदार सुहाना सफर मिल सकेगा।
हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण ने बाईपास रोड को हाईवे का दर्जा देने की कवायद शुरू करते हुए मसौदा तैयार कर मुख्यालय भेज दिया है। इंतजार है केवल सरकार की ओर से हरी झंडी मिलने का।
हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (हुडा)ने बढ़ती आबादी के चलते शहर के बाहरी क्षेत्र में बाईपास रोड बनाए जाने की जरूरत महसूस की। इसका मुख्य उद्देश्य शहर के बीचों बीच से गुजर रहे हाईवे पर जाम के झाम और सड़कों पर बढ़ती वाहनों की भीड़ को कम करना था। नवंबर 2008 में हुडा ने इसकी शुरूआत करते हुए बदरपुर बॉर्डर से कैल गांव तक बाईपास रोड बनाने का जिम्मा एटलस नामक एक कंपनी को सौंपा। वर्ष 2015 में मलेरना पुल बन जाने के बाद बाईपास रोड पर वाहन चालकों को कैल गांव तक सुहाना सफर मिल गया। इससे आगरा तक से आने वाले वाहन चालक इस बाईपास रोड के जरिए अपने गंतव्य तक पहुंचने लगे हैं। इससे अब बाईपास रोड पर भी वाहनों की अच्छी खासी संख्या बढ़ने लगी है।
हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (हुडा)ने बढ़ती आबादी के चलते शहर के बाहरी क्षेत्र में बाईपास रोड बनाए जाने की जरूरत महसूस की। इसका मुख्य उद्देश्य शहर के बीचों बीच से गुजर रहे हाईवे पर जाम के झाम और सड़कों पर बढ़ती वाहनों की भीड़ को कम करना था। नवंबर 2008 में हुडा ने इसकी शुरूआत करते हुए बदरपुर बॉर्डर से कैल गांव तक बाईपास रोड बनाने का जिम्मा एटलस नामक एक कंपनी को सौंपा। वर्ष 2015 में मलेरना पुल बन जाने के बाद बाईपास रोड पर वाहन चालकों को कैल गांव तक सुहाना सफर मिल गया। इससे आगरा तक से आने वाले वाहन चालक इस बाईपास रोड के जरिए अपने गंतव्य तक पहुंचने लगे हैं। इससे अब बाईपास रोड पर भी वाहनों की अच्छी खासी संख्या बढ़ने लगी है।
हाईवे का दर्जा मिलने से मिल सकेंगी बाईपास पर कई तरह की सहुलियत
आर्थिक दिक्कतों के चलते हुडा भी चाह कर बाईपास रोड पर वाहन चालकों को पूरी सहुलियत मुहैया नहीं करवा सका है। केंद्रीय राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर की मांग पर पिछले दिनों मुख्यमंत्री ने इस बाईपास रोड को हाईवे का दर्जा दिलाए जाने की घोषणा की थी। इसके बाद हुडा विभाग हरकत में आ गया। गत सप्ताह हुडा ने बाईपास से संबंधित पूरा ब्यौरा मुख्यालय भेज दिया है, ताकि इसे हाईवे का दर्जा मिल सके। हुडा के एक्सईएन राजीव शर्मा ने माना कि हाईवे का दर्जा मिलने से बाईपास रोड की चमक और भी बढ़ जाएगी।
आर्थिक दिक्कतों के चलते हुडा भी चाह कर बाईपास रोड पर वाहन चालकों को पूरी सहुलियत मुहैया नहीं करवा सका है। केंद्रीय राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर की मांग पर पिछले दिनों मुख्यमंत्री ने इस बाईपास रोड को हाईवे का दर्जा दिलाए जाने की घोषणा की थी। इसके बाद हुडा विभाग हरकत में आ गया। गत सप्ताह हुडा ने बाईपास से संबंधित पूरा ब्यौरा मुख्यालय भेज दिया है, ताकि इसे हाईवे का दर्जा मिल सके। हुडा के एक्सईएन राजीव शर्मा ने माना कि हाईवे का दर्जा मिलने से बाईपास रोड की चमक और भी बढ़ जाएगी।
हाईवे का मिला दर्जा तो बनाए जा सकेंगे कई पुल
बाईपास रोड को हाईवे का दर्जा मिला तो आने वाले दिनों में शहर के बीचों बीच से निकल रहे राष्ट्रीय राजमार्ग की तरह यहां भी मुख्य चौराहों पर पुल बनाए जा सकेंगे। फिलहाल पल्ला चौक, सेक्टर-28 मोड, खेड़ी पुल, बीपीटीपी पुल, तिगांव पुल समेत कई स्थान ऐसे हैं जहां बाईपास रोड पर वाहनों की लंबी कतार लग जाती है। ऐसे में हाईवे का दर्जा मिलने से ऐसे स्थानों पर पुल बनाकर वाहन चालकों को फर्राटेदार सफर मिल सकता है। इसके अलावा बाईपास रोड पर सड़क किनारे अवैध कब्जे भी गंभीर समस्या हैं। लेकिन हाईवे का दर्जा मिलने के बाद एनएचएआई एक्ट के तहत बाईपास रोड किनारे इस तरह की समस्याओं का सामना नहीं करना पडे़गा।
बाईपास रोड को हाईवे का दर्जा मिला तो आने वाले दिनों में शहर के बीचों बीच से निकल रहे राष्ट्रीय राजमार्ग की तरह यहां भी मुख्य चौराहों पर पुल बनाए जा सकेंगे। फिलहाल पल्ला चौक, सेक्टर-28 मोड, खेड़ी पुल, बीपीटीपी पुल, तिगांव पुल समेत कई स्थान ऐसे हैं जहां बाईपास रोड पर वाहनों की लंबी कतार लग जाती है। ऐसे में हाईवे का दर्जा मिलने से ऐसे स्थानों पर पुल बनाकर वाहन चालकों को फर्राटेदार सफर मिल सकता है। इसके अलावा बाईपास रोड पर सड़क किनारे अवैध कब्जे भी गंभीर समस्या हैं। लेकिन हाईवे का दर्जा मिलने के बाद एनएचएआई एक्ट के तहत बाईपास रोड किनारे इस तरह की समस्याओं का सामना नहीं करना पडे़गा।
एसई एके गुलाटी: हाईवे का दर्जा दिलाने के लिए बाईपास रोड से संबंधित ब्यौरा मुख्यालय भेज दिया है।
बाईपास रोड का ब्यौरा
-बदरपुर बार्डर से लेकर गांव कैली तक बाईपास रोड पर एक नजर
-बदरपुर बार्डर से लेकर गांव कैल गांव तक की लंबाई : साढे़ 27 किलोमीटर
निर्माण लागत : लगभग 125 करोड़
निर्माण कब शुरू हुआ : वर्ष 2008 में
कैल गांव तक बाईपास रोड शुरू हुआ : वर्ष 2015 में
बाईपास रोड कब शुरू हुआ : वर्ष 2013 से वर्ष 2014 तक (अलग-अलग हिस्सों में)
-बदरपुर बार्डर से लेकर गांव कैली तक बाईपास रोड पर एक नजर
-बदरपुर बार्डर से लेकर गांव कैल गांव तक की लंबाई : साढे़ 27 किलोमीटर
निर्माण लागत : लगभग 125 करोड़
निर्माण कब शुरू हुआ : वर्ष 2008 में
कैल गांव तक बाईपास रोड शुरू हुआ : वर्ष 2015 में
बाईपास रोड कब शुरू हुआ : वर्ष 2013 से वर्ष 2014 तक (अलग-अलग हिस्सों में)
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