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Kalindi Bypass
NEW DELHI: The Kalindi bypass might now be constructed with some of its stretches elevated on the lines of the Barapullah road, according to Public Works Department (PWD). The project conceptualized in 2002 landed in trouble over issues such as land acquisition and construction near the riverbank. The civic body claims that the elevated stretches will be the answer to all these problems. PWD is also looking at re-alignment of the proposed stretch and will soon hire a consultant to prepare a feasibility report.
The bypass is part of the 42.5-km long NH-2 bypass proposed to be constructed by the Delhi and Haryana governments. While PWD will construct 13.7km of the stretch which falls in Delhi, the Haryana government has already constructed 27km of the bypass and has to build another 1.8km. The bypass will not only decongest traffic moving from Maharani Bagh to Faridabad, but also segregate inter-state traffic from local traffic and generate an efficient and effective transport network for NCR.
"PWD had called for expression of interest from consultants after which the technical and financial bids were floated. The bids will be received by February 2 before a consultant is appointed for this project,'' said principal secretary, PWD, K K Sharma. The civic body had to float technical and financial bids for the second time with only one consultant applying the first time.
"A lot of issues like land acquisition and construction near Yamuna bank were plaguing the project. To work around these issues, we are now looking at constructing a road on stilts along some portions. The consultant will look into the feasibility of the plan. This might also lead to re-alignment along the stretch,'' added Sharma. Once the feasibility report is submitted by the consultant, it would again be sent for clearance to United Traffic and Transportation Infrastructure (Planning and Engineering) Centre.
Earlier, the Uttar Pradesh government had refused to part with some of its land. The project received another setback in 2006 when the Delhi high court prohibited any construction within 300m from the edge of Yamuna's bank. The Supreme Court later ruled that the road could come up 120m from the riverbank.
In 2007, when PWD abandoned the project it had already spent Rs 52.50 crore on it. "A UP government guesthouse and the Okhla Bird sanctuary were falling on the proposed alignment of the road and UP refused to part with its land. Besides this, a number of houses in Batla House were also falling in the way of the alignment of the project,'' said a senior PWD official.
According to PWD, the consultant will also study how the road can be integrated with DND Flyway and the Ring Road. "In the coming years, we might even like to integrate this bypass with Barapullah elevated road, Ring Road bypass and the proposed East-West corridor to provide commuters alternate set of roads," a senior PWD engineer said.
Integration of all these projects will provide better connectivity to motorists travelling between Faridabad, Noida, east Delhi and other parts of the capital.
http://timesofindia.indiatimes.com/city/delhi/PWD-plans-elevated-stretches-for-Kalindi-bypass/articleshow/7386489.cms?
Metro rail service to be extended up to Greater Faridabad: Haryana CM Manohar Lal Khattar
FARIDABAD: Haryana Chief Minister Manohar Lal Khattar today said metro rail service would be extended up to Greater Faridabad after its expansion from YMCA Chowk to Ballabgarh is done.
An official release quoting the Chief Minister said people who have constructed houses on government land would not be made homeless, rather they would be given ownership after charging them the current market rate of the land.
Unauthorised colonies would be regularised after charging a d ..
Read more at:
http://economictimes.indiatimes.com/articleshow/50882019.cms?utm_source=contentofinterest&utm_medium=text&utm_campaign=cppst
An official release quoting the Chief Minister said people who have constructed houses on government land would not be made homeless, rather they would be given ownership after charging them the current market rate of the land.
Unauthorised colonies would be regularised after charging a d ..
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हरियाणा-फरीदाबाद बाईपास रोड को मिलेगा हाईवे का दर्जा
आने वाले दिनों में स्मार्ट सिटी की तस्वीर कुछ खास दिखाई देगी। ग्रेटर फरीदाबाद और पुराने शहर के बीच से निकले बाईपास रोड को हाईवे का दर्जा मिल जाएगा। जहां औद्योगिक नगरी फरीदाबाद से गुजरने वाले वाहन चालकों को राष्ट्रीय राजमार्ग की तरह फर्राटेदार सुहाना सफर मिल सकेगा।
हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण ने बाईपास रोड को हाईवे का दर्जा देने की कवायद शुरू करते हुए मसौदा तैयार कर मुख्यालय भेज दिया है। इंतजार है केवल सरकार की ओर से हरी झंडी मिलने का।
हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (हुडा)ने बढ़ती आबादी के चलते शहर के बाहरी क्षेत्र में बाईपास रोड बनाए जाने की जरूरत महसूस की। इसका मुख्य उद्देश्य शहर के बीचों बीच से गुजर रहे हाईवे पर जाम के झाम और सड़कों पर बढ़ती वाहनों की भीड़ को कम करना था। नवंबर 2008 में हुडा ने इसकी शुरूआत करते हुए बदरपुर बॉर्डर से कैल गांव तक बाईपास रोड बनाने का जिम्मा एटलस नामक एक कंपनी को सौंपा। वर्ष 2015 में मलेरना पुल बन जाने के बाद बाईपास रोड पर वाहन चालकों को कैल गांव तक सुहाना सफर मिल गया। इससे आगरा तक से आने वाले वाहन चालक इस बाईपास रोड के जरिए अपने गंतव्य तक पहुंचने लगे हैं। इससे अब बाईपास रोड पर भी वाहनों की अच्छी खासी संख्या बढ़ने लगी है।
हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (हुडा)ने बढ़ती आबादी के चलते शहर के बाहरी क्षेत्र में बाईपास रोड बनाए जाने की जरूरत महसूस की। इसका मुख्य उद्देश्य शहर के बीचों बीच से गुजर रहे हाईवे पर जाम के झाम और सड़कों पर बढ़ती वाहनों की भीड़ को कम करना था। नवंबर 2008 में हुडा ने इसकी शुरूआत करते हुए बदरपुर बॉर्डर से कैल गांव तक बाईपास रोड बनाने का जिम्मा एटलस नामक एक कंपनी को सौंपा। वर्ष 2015 में मलेरना पुल बन जाने के बाद बाईपास रोड पर वाहन चालकों को कैल गांव तक सुहाना सफर मिल गया। इससे आगरा तक से आने वाले वाहन चालक इस बाईपास रोड के जरिए अपने गंतव्य तक पहुंचने लगे हैं। इससे अब बाईपास रोड पर भी वाहनों की अच्छी खासी संख्या बढ़ने लगी है।
हाईवे का दर्जा मिलने से मिल सकेंगी बाईपास पर कई तरह की सहुलियत
आर्थिक दिक्कतों के चलते हुडा भी चाह कर बाईपास रोड पर वाहन चालकों को पूरी सहुलियत मुहैया नहीं करवा सका है। केंद्रीय राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर की मांग पर पिछले दिनों मुख्यमंत्री ने इस बाईपास रोड को हाईवे का दर्जा दिलाए जाने की घोषणा की थी। इसके बाद हुडा विभाग हरकत में आ गया। गत सप्ताह हुडा ने बाईपास से संबंधित पूरा ब्यौरा मुख्यालय भेज दिया है, ताकि इसे हाईवे का दर्जा मिल सके। हुडा के एक्सईएन राजीव शर्मा ने माना कि हाईवे का दर्जा मिलने से बाईपास रोड की चमक और भी बढ़ जाएगी।
आर्थिक दिक्कतों के चलते हुडा भी चाह कर बाईपास रोड पर वाहन चालकों को पूरी सहुलियत मुहैया नहीं करवा सका है। केंद्रीय राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर की मांग पर पिछले दिनों मुख्यमंत्री ने इस बाईपास रोड को हाईवे का दर्जा दिलाए जाने की घोषणा की थी। इसके बाद हुडा विभाग हरकत में आ गया। गत सप्ताह हुडा ने बाईपास से संबंधित पूरा ब्यौरा मुख्यालय भेज दिया है, ताकि इसे हाईवे का दर्जा मिल सके। हुडा के एक्सईएन राजीव शर्मा ने माना कि हाईवे का दर्जा मिलने से बाईपास रोड की चमक और भी बढ़ जाएगी।
हाईवे का मिला दर्जा तो बनाए जा सकेंगे कई पुल
बाईपास रोड को हाईवे का दर्जा मिला तो आने वाले दिनों में शहर के बीचों बीच से निकल रहे राष्ट्रीय राजमार्ग की तरह यहां भी मुख्य चौराहों पर पुल बनाए जा सकेंगे। फिलहाल पल्ला चौक, सेक्टर-28 मोड, खेड़ी पुल, बीपीटीपी पुल, तिगांव पुल समेत कई स्थान ऐसे हैं जहां बाईपास रोड पर वाहनों की लंबी कतार लग जाती है। ऐसे में हाईवे का दर्जा मिलने से ऐसे स्थानों पर पुल बनाकर वाहन चालकों को फर्राटेदार सफर मिल सकता है। इसके अलावा बाईपास रोड पर सड़क किनारे अवैध कब्जे भी गंभीर समस्या हैं। लेकिन हाईवे का दर्जा मिलने के बाद एनएचएआई एक्ट के तहत बाईपास रोड किनारे इस तरह की समस्याओं का सामना नहीं करना पडे़गा।
बाईपास रोड को हाईवे का दर्जा मिला तो आने वाले दिनों में शहर के बीचों बीच से निकल रहे राष्ट्रीय राजमार्ग की तरह यहां भी मुख्य चौराहों पर पुल बनाए जा सकेंगे। फिलहाल पल्ला चौक, सेक्टर-28 मोड, खेड़ी पुल, बीपीटीपी पुल, तिगांव पुल समेत कई स्थान ऐसे हैं जहां बाईपास रोड पर वाहनों की लंबी कतार लग जाती है। ऐसे में हाईवे का दर्जा मिलने से ऐसे स्थानों पर पुल बनाकर वाहन चालकों को फर्राटेदार सफर मिल सकता है। इसके अलावा बाईपास रोड पर सड़क किनारे अवैध कब्जे भी गंभीर समस्या हैं। लेकिन हाईवे का दर्जा मिलने के बाद एनएचएआई एक्ट के तहत बाईपास रोड किनारे इस तरह की समस्याओं का सामना नहीं करना पडे़गा।
एसई एके गुलाटी: हाईवे का दर्जा दिलाने के लिए बाईपास रोड से संबंधित ब्यौरा मुख्यालय भेज दिया है।
बाईपास रोड का ब्यौरा
-बदरपुर बार्डर से लेकर गांव कैली तक बाईपास रोड पर एक नजर
-बदरपुर बार्डर से लेकर गांव कैल गांव तक की लंबाई : साढे़ 27 किलोमीटर
निर्माण लागत : लगभग 125 करोड़
निर्माण कब शुरू हुआ : वर्ष 2008 में
कैल गांव तक बाईपास रोड शुरू हुआ : वर्ष 2015 में
बाईपास रोड कब शुरू हुआ : वर्ष 2013 से वर्ष 2014 तक (अलग-अलग हिस्सों में)
-बदरपुर बार्डर से लेकर गांव कैली तक बाईपास रोड पर एक नजर
-बदरपुर बार्डर से लेकर गांव कैल गांव तक की लंबाई : साढे़ 27 किलोमीटर
निर्माण लागत : लगभग 125 करोड़
निर्माण कब शुरू हुआ : वर्ष 2008 में
कैल गांव तक बाईपास रोड शुरू हुआ : वर्ष 2015 में
बाईपास रोड कब शुरू हुआ : वर्ष 2013 से वर्ष 2014 तक (अलग-अलग हिस्सों में)
Haryana CM lays foundation stone for hospital
Faridabad, May 9 (IANS) Haryana Chief Minister Manohar Lal Khattar on
Monday laid the foundation stone for the Mata Amritanandamayi Math's new
2,000-bed hospital.
The Amrita Institute of Medical Sciences and Research Centre will come up in Greater Faridabad.
Union Minister of State for Social Justice and Empowerment Krishnan Pal Gurjar and other dignitaries graced the occasion. Swami Amritaswarupananda Puri of the Mata Amritanandamayi Math was also present.
The state-of-the-art healthcare facility will be spread across nearly 100 acres.
It will include highly specialised multi-disciplinary children's hospital, a block dedicated to original research, focusing on low-cost healthcare solutions and a teaching hospital.
Khattar paid tributes to Amma, as Mata Amritanandamayi is widely known, for deciding to build the hospital in Haryana.
"Mata is an embodiment of love and compassion who has tirelessly worked for the welfare of humanity. She considers service to the poor as the greatest form of worship," he said.
He said the hospital will benefit not only Faridabad but also surrounding regions like Delhi, Palwal, Mewat and several districts of Uttar Pradesh.
It will be the largest hospital in the Delhi-NCR region, said Satyananda Misra, the former Chief Information Commissioner of India who will be the new hospital's executive director.
The hospital will be a green building, with no carbon footprint and zero wastewater discharge. It will be powered eventually by more than 45 percent of solar power.
Construction materials used in the project will also be environmentally friendly. More than 70 percent of the campus acreage is planned as a green area filled with local varieties of trees, plants and shrubs and water bodies.
http://timesofindia.indiatimes.com/city/faridabad/Haryana-CM-lays-foundation-stone-for-hospital/articleshow/52190055.cms
The Amrita Institute of Medical Sciences and Research Centre will come up in Greater Faridabad.
Union Minister of State for Social Justice and Empowerment Krishnan Pal Gurjar and other dignitaries graced the occasion. Swami Amritaswarupananda Puri of the Mata Amritanandamayi Math was also present.
The state-of-the-art healthcare facility will be spread across nearly 100 acres.
It will include highly specialised multi-disciplinary children's hospital, a block dedicated to original research, focusing on low-cost healthcare solutions and a teaching hospital.
Khattar paid tributes to Amma, as Mata Amritanandamayi is widely known, for deciding to build the hospital in Haryana.
"Mata is an embodiment of love and compassion who has tirelessly worked for the welfare of humanity. She considers service to the poor as the greatest form of worship," he said.
He said the hospital will benefit not only Faridabad but also surrounding regions like Delhi, Palwal, Mewat and several districts of Uttar Pradesh.
It will be the largest hospital in the Delhi-NCR region, said Satyananda Misra, the former Chief Information Commissioner of India who will be the new hospital's executive director.
The hospital will be a green building, with no carbon footprint and zero wastewater discharge. It will be powered eventually by more than 45 percent of solar power.
Construction materials used in the project will also be environmentally friendly. More than 70 percent of the campus acreage is planned as a green area filled with local varieties of trees, plants and shrubs and water bodies.
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